समाज एवं संस्कृति अध्ययन केंद्र राजस्थान

November 2024

हिन्दुत्व के शाश्वत सिद्धांत

हिन्दुत्व, जो न केवल एक धार्मिक परंपरा है बल्कि एक गहन जीवन-दर्शन भी है, आज वैश्विक विमर्श का एक महत्वपूर्ण विषय बन चुका है। यह शब्द, सर्वकालिक एवं सर्वसामान्य होते हुए भी, समयानुकूल संदर्भ के साथ नए अर्थ और व्याख्याएं प्राप्त कर रहा है। बाकी सभ्यता, संस्कृतियों की तुलना में जब हम देखते हैं तो पाते हैं कि हिन्दू समाज जड़ नहीं है, प्रोग्रेसिव है इसलिए समय काल परिस्थिति के अनुसार फिर चिंतन करता है, आवश्यकता अनुसार परिवर्तन करता है और आगे बढ़ता है। इसीलिए यह दुनियाँ का सबसे प्राचीन धर्म होते हुए भी यह नित्य नवीन बना हुआ है।

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क्या है भारतीय परिप्रेक्ष्य में राष्ट्र की अवधारणा

संविधान में भी राष्ट्र की एकता और अखंडता को सर्वोच्च माना गया है। एकता व अखंडता पर कोई समझौता संभव नहीं। भारत की एकता व अखंडता संविधान में व्यक्तिगत अधिकारों से ऊपर है।

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विशेषज्ञ वार्ता – वैश्विक परिदृश्य में स्व का बोध

विशेषज्ञ – मेजर जनरल एस. एन. माथुर 27 जुलाई 2024 को ‘वैश्विक परिदृश्य में स्व का बोध’ विषय पर एक्सपर्ट टॉक आयोजित की गई। विशेषज्ञ के रूप में मेजर जनरल एस. एन. माथुर थे। मेजर जनरल सुरेन्द्र नारायण माथुर वर्ष 1971 में सेना के कोर ऑफ इंजीनियर में कमिशन हुए। जनरल माथुर ने 1971 के

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दीन दयाल स्मारक, धानक्या

8 अप्रैल 2024  को समाज एवं संस्कृति अध्ययन केंद्र राजस्थान द्वारा कुछ अन्य युवा समूहों के साथ एकात्म मानव दर्शन की अवधारणा के प्रणेता , महान भारतीय दार्शनिक व चिंतक दीन दयाल उपाध्याय जी के स्मारक, धानक्या, जयपुर की विज़िट एवं एकात्म मानव दर्शन पर एक्सपर्ट टॉक का कार्यक्रम आयोजित किया गया।

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