समाज एवं संस्कृति अध्ययन केंद्र राजस्थान

December 2024

जनजाति परम्पराओं को न मानने पर क्यों मिलें आरक्षण का लाभ ?

जब अंग्रेज भारत आए तो उन्होंने इन वनवासियों को स्वतंत्रता आंदोलनों में भाग लेने से रोकने के लिए इन्हें पिछड़ा बनाने के प्रयास किए। अंग्रेजों ने वर्ष 1891 की जनगणना में देश भर में रहने वाले वनवासियों के लिए ‘tribe’ शब्द दिया । स्वाधीनता के बाद जब संविधान निर्माण हुआ तो इसी ट्राइब शब्द का संदर्भ लेते हुए इन्हे संवैधानिक रूप से ‘अनुसूचित जनजाति ‘/scheduled tribe की श्रेणी में रखा ।

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कितना विश्वसनीय है ग्लोबल हंगर इंडेक्स (GHI)!

दुनिया में भारत अनाज का सबसे बड़ा उत्पादक देश है। देश की आवश्यकता से अधिक यहाँ अन्न उत्पादन होता है। इसके पास व्यापक खाद्य आपूर्ति प्रणाली, मजबूत सरकारी नीतियाँ और वंचितों के लिए मुफ्त खाद्यान्न योजनाएं एवं वितरण प्रणाली है।
पिछले 10 वर्षों में भारत की प्रति व्यक्ति आय दोगुनी से भी ज़्यादा हो गई है।

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शिव-शक्ति आराधना के लिए भील जनजाति करती है गवरी नृत्य

राजस्थान के दक्षिणी भाग (उदयपुर,राजसमंद, भीलवाड़ा, चित्तौड़), जिसे सममिलित रूप से मेवाड़ कहा जाता हैं। यहाँ मुख्य रूप से भील जनजाति निवास करती हैं । मेवाड़ की भील जनजाति द्वारा राजस्थान का सुप्रसिद्ध लोकनृत्य गवरी किया जाता है।

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संवर्धिनी- महिला विषयक भारतीय दृष्टिकोण

भारतीय जीवन दृष्टि मानव जीवन के बारे में है। मानव यानि मनुष्य, जिसमें स्त्री और पुरुष दोनों समाहित हैं। हमारे शास्त्रों में जो भी कहा गया है, वह मनुष्य मात्र के लिए कहा गया है, स्त्री और पुरुष को अलग देखना भारत की दृष्टि नहीं। हमारे यहॉं शिव और शक्ति एक हैं, दोनों मिलकर अर्द्धनारीश्वर बनते हैं।

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सुशासन की प्रतिमूर्ति, पुण्यश्लोका, लोकमाता अहिल्याबाई

महारानी अहिल्याबाई होलकर का जीवन भारतीय इतिहास में महिला नेतृत्व , समर्पण और जनसेवा का अनुपम उदाहरण है। वे न केवल इंदौर राज्य की रानी थीं, बल्कि भारतीय नारी शक्ति और आदर्श नेतृत्व की प्रतीक भी थीं।

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