समाज एवं संस्कृति अध्ययन केंद्र राजस्थान

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Introduction
राजस्थान की वनविहारी जातियाँ' रामचंद्र पलात द्वारा लिखित यह शोधपरक पुस्तक दक्षिण राजस्थान की जनजातियों के गौरवपूर्ण इतिहास, क्षात्र धर्म, और सनातन परंपराओं को उजागर करती है। औपनिवेशिक प्रभाव के कारण फैलाई गई भ्रांतियों को खंडित करते हुए, यह भील, मीणा और अन्य वनवासी समाज की सांस्कृतिक, धार्मिक और कुलपरंपराओं का विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत करती है। जनजातियों को हिंदू समाज का अभिन्न अंग बताते हुए, यह पुस्तक उनकी अस्मिता और संघर्ष की कहानी को पुनर्स्थापित करने का प्रयास करती है।