जनजाति परम्पराओं को न मानने पर क्यों मिलें आरक्षण का लाभ ?
जब अंग्रेज भारत आए तो उन्होंने इन वनवासियों को स्वतंत्रता आंदोलनों में भाग लेने से रोकने के लिए इन्हें पिछड़ा बनाने के प्रयास किए। अंग्रेजों ने वर्ष 1891 की जनगणना में देश भर में रहने वाले वनवासियों के लिए ‘tribe’ शब्द दिया । स्वाधीनता के बाद जब संविधान निर्माण हुआ तो इसी ट्राइब शब्द का संदर्भ लेते हुए इन्हे संवैधानिक रूप से ‘अनुसूचित जनजाति ‘/scheduled tribe की श्रेणी में रखा ।
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