समाज एवं संस्कृति अध्ययन केंद्र राजस्थान

Anthropology

जनजाति परम्पराओं को न मानने पर क्यों मिलें आरक्षण का लाभ ?

जब अंग्रेज भारत आए तो उन्होंने इन वनवासियों को स्वतंत्रता आंदोलनों में भाग लेने से रोकने के लिए इन्हें पिछड़ा बनाने के प्रयास किए। अंग्रेजों ने वर्ष 1891 की जनगणना में देश भर में रहने वाले वनवासियों के लिए ‘tribe’ शब्द दिया । स्वाधीनता के बाद जब संविधान निर्माण हुआ तो इसी ट्राइब शब्द का संदर्भ लेते हुए इन्हे संवैधानिक रूप से ‘अनुसूचित जनजाति ‘/scheduled tribe की श्रेणी में रखा ।

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शिव-शक्ति आराधना के लिए भील जनजाति करती है गवरी नृत्य

राजस्थान के दक्षिणी भाग (उदयपुर,राजसमंद, भीलवाड़ा, चित्तौड़), जिसे सममिलित रूप से मेवाड़ कहा जाता हैं। यहाँ मुख्य रूप से भील जनजाति निवास करती हैं । मेवाड़ की भील जनजाति द्वारा राजस्थान का सुप्रसिद्ध लोकनृत्य गवरी किया जाता है।

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सुशासन की प्रतिमूर्ति, पुण्यश्लोका, लोकमाता अहिल्याबाई

महारानी अहिल्याबाई होलकर का जीवन भारतीय इतिहास में महिला नेतृत्व , समर्पण और जनसेवा का अनुपम उदाहरण है। वे न केवल इंदौर राज्य की रानी थीं, बल्कि भारतीय नारी शक्ति और आदर्श नेतृत्व की प्रतीक भी थीं।

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