समाज एवं संस्कृति अध्ययन केंद्र राजस्थान

Culture

हिन्दुत्व के शाश्वत सिद्धांत

हिन्दुत्व, जो न केवल एक धार्मिक परंपरा है बल्कि एक गहन जीवन-दर्शन भी है, आज वैश्विक विमर्श का एक महत्वपूर्ण विषय बन चुका है। यह शब्द, सर्वकालिक एवं सर्वसामान्य होते हुए भी, समयानुकूल संदर्भ के साथ नए अर्थ और व्याख्याएं प्राप्त कर रहा है। बाकी सभ्यता, संस्कृतियों की तुलना में जब हम देखते हैं तो पाते हैं कि हिन्दू समाज जड़ नहीं है, प्रोग्रेसिव है इसलिए समय काल परिस्थिति के अनुसार फिर चिंतन करता है, आवश्यकता अनुसार परिवर्तन करता है और आगे बढ़ता है। इसीलिए यह दुनियाँ का सबसे प्राचीन धर्म होते हुए भी यह नित्य नवीन बना हुआ है।

हिन्दुत्व के शाश्वत सिद्धांत Read More »

क्या है भारतीय परिप्रेक्ष्य में राष्ट्र की अवधारणा

संविधान में भी राष्ट्र की एकता और अखंडता को सर्वोच्च माना गया है। एकता व अखंडता पर कोई समझौता संभव नहीं। भारत की एकता व अखंडता संविधान में व्यक्तिगत अधिकारों से ऊपर है।

क्या है भारतीय परिप्रेक्ष्य में राष्ट्र की अवधारणा Read More »