समाज में हो स्व का गौरव

भारत के वैभवशाली और गौरवशाली इतिहास का यह एक लंबा कालखंड है, तो उसके साथ-साथ परतंत्रता का भी एक हजार वर्ष का काला अध्याय है। विदेशी आक्रमणों व संघर्षों के शिकार होने के कारण हमारी सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, वैज्ञानिक, राजनीतिक व्यवस्था एवं शिक्षा प्रणाली पर गहरी चोटे पहुंची या यूं कह सकते हैं कि योजना पूर्वक पहुंचाई गई।

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