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संवर्धिनी- महिला विषयक भारतीय दृष्टिकोण

भारतीय जीवन दृष्टि मानव जीवन के बारे में है। मानव यानि मनुष्य, जिसमें स्त्री और पुरुष दोनों समाहित हैं। हमारे शास्त्रों में जो भी कहा गया है, वह मनुष्य मात्र के लिए कहा गया है, स्त्री और पुरुष को अलग देखना भारत की दृष्टि नहीं। हमारे यहॉं शिव और शक्ति एक हैं, दोनों मिलकर अर्द्धनारीश्वर बनते हैं।

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